Learn Hindi Grammar with PDF book worksheets for Class 6. It is based on CBSE / NCERT syllabus which includes various topic such as Sangya in Hindi, Varn Vichar, Vachan, Shabd Vichar, ling etc. from beginner to advanced level.
Please read Hindi Grammar for Class 5, Class 6, Class 7, Class 8, Class 9, Class 10 Complete Hindi Grammar Content(पूरा हिंदी व्याकरण).
- हिंदी परिभाषा और व्याकरण (Hindi Vyakaran for class 6)
- वर्ण विचार (Varn Vichar in Hindi Grammar)
- वर्णमाला (Alphabet)
- हिंदी वर्णमाला चार्ट (Varnamala chart)
- वर्ण के भेद (Varn ke bhed)
- शब्द विचार (Shabd Vichar)
- Hindi Grammar for Class 6
- 1. उत्पत्ति / स्रोत–
- 2. रचना / बनावट–
- 3. रुप / प्रयोग –
- 4. अर्थ –
- संज्ञा (Sangya in Hindi) Nouns in Hindi
- संज्ञा के पांच भेद है (Types of Sangya) (sangya ke bhed in Hindi)
- जातिवाचक संज्ञा (Jati Vachak Sangya in Hindi)
- व्यक्तिवाचक संज्ञा (Vyakti Vachak Sangya in Hindi)
- भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya in Hindi)
- समूहवाचक संज्ञा (Samuh Vachak Sangya in Hindi)
- द्रव्यवाचक संज्ञा (Dravya Vachak Sangya in Hindi)
- लिंग Gender (ling in Hindi)
- Hindi Grammar for Class 6
- पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम (list of stirling and pulling in Hindi)
- वचन (Vachan in Hindi) Hindi Vachan Badlo
- एकवचन Ekvachan in Hindi
- बहुवचन Bahuvachan in Hindi
- वचन बदलने के नियम (vachan badalna in hindi)
- हिंदी व्याकरण कक्षा 6 के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions for Hindi Grammar for class 6)
- Answers for Multiple choice questions for class 6 grammar
हिंदी परिभाषा और व्याकरण (Hindi Vyakaran for class 6)
भारतवासी के लिए हिन्दी भाषा (Hindi Bhasha) का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लेना कोई कठिन काम नहीं है। इसका ठोस कारन है , हमारे देश की जितनी भी भाषाएँ है , वे सभी या तो आर्य परिवार की भाषाएँ है या फिर द्रविड़ परिवार की। भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर व पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों का आदान-प्रदान करता है। सामाजिक प्राणी होने के नाते मनुष्य को विचार विनिमय करना पड़ता है। यदि भाषा का प्रचलन न हुआ होता तो मनुष्य की प्रगति असंभव होती।
वर्ण विचार (Varn Vichar in Hindi Grammar)
Hindi Grammar for Class 6
किसी भाषा के व्याकरण ग्रंथ में वर्ण,शब्द,वाक्य की विशेष चर्चा की जाती है।
वर्णमाला (Alphabet)
वर्णो के समूह या समुदाय को वर्णमाला कहते है। हिन्दी में वर्णो की संख्या ४५ है।संस्कृत वर्नमाला में एक और स्वर ‘ॠ’ है। इसे भी सम्मिलित कर लेने पर वर्णो की संख्या ४६ हो जाती है ।
हिंदी वर्णमाला चार्ट (Varnamala chart)
अ | आ | इ | ई | उ | ऊ |
ए | ऐ | ओ | औ | अं | अ: |
क | ख | ग | घ | ड | |
च | छ | ज | झ | ञ | |
ट | ठ | ड | ढ | ण | |
त | थ | द | ध | न | |
प | फ | ब | भ | म | |
य | र | ल | व | ||
श | ष | स | ह |
Alphabet (वर्णमाला) chart in Hindi
वर्ण के भेद (Varn ke bhed)
- स्वर वर्ण
- व्यंजन वर्ण
स्वर वर्ण– स्वतंत्र रूप से बोले जानेवाले वर्ण को स्वर कहते है। उच्चारण की दृष्टि से इसमें केवल १० ही स्वर है – अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ
स्वर वर्ण के प्रकार –
- ह्रस्व स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में अपेक्षाकृत कम समय लगता है , उन्हें ह्रस्व स्वर कहते।
- दीर्घ स्वर – जिन स्वरों को बोलने में अधिक समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं।
व्यंजन– स्वर की सहायता से बोले जानेवाले वर्ण को व्यंजन कहते है। प्रत्येक व्यंजन के उच्चारण में ‘अ’ स्वर मिला होता है। ‘अ’ के बिना व्यंजन का उच्चारण संभव नहीं है।
व्यंजन वर्ण के प्रकार –
- स्पर्श व्यंजन – जिन व्यंजन के उच्चारण में जिसका कोई न कोई भाग मुँह के किसी न किसी भाग को स्पर्श करता है , उसे स्पर्श व्यंजन कहते है। ” क ” से लेकर ” म ” तक २५ व्यंजन है।
- अंतस्थ व्यंजन – जिन व्यंजन के उच्चारण में मुख बहुत संकुचित हो जाता है , फिर भी वायु स्वरों के बीच से निकल जाता है , उस समय तयार होने वाली ध्वनि को अंतस्थ व्यंजन कहते है। य , र , ल , व , – अंतस्थ व्यंजन
- ऊष्म व्यंजन – जिन व्यंजनों में एक प्रकार की गरमाहट या सुरसुराहट सी प्रतीत होती है उसे ऊष्म व्यंजन कहते है। श , ष , स , ह – ऊष्म व्यंजन है
Complete Hindi Varnamala of Swar and Vyanjan in Hindi
शब्द विचार (Shabd Vichar)
Hindi Grammar for Class 6
एक या अधिक वर्णो से बानी हुई स्वतंत्र एवं सार्थक ध्वनि को शब्द कहते है।
हिन्दी के शब्दों के वर्णीकरण के चार आधार है –
- उत्पत्ति / स्रोत
- रचना / बनावट
- रुप / प्रयोग
- अर्थ
Hindi Grammar for Class 6
1. उत्पत्ति / स्रोत–
उत्पत्ति एवं स्रोत के आधार पर हिन्दी भाषा में शब्दों को निम्न 4 उपभेदों में बॉठा गया है।
- तत्सम शब्द : किसी भाषा में प्रयुक्त उसकी मूल भाषा के शब्दों को तत्सम शब्द कहते हैं। हिन्दी में अनेक शब्द संस्कृत से सीधे आए है और आज भी उसी रूप में प्रयोग किये जा रहे है। जैसे – माता , सूर्य , अग्नि , पिता , वायु
- तद्भव शब्द : जो शब्दों का संस्कृत से हिन्दी में रूप परिवर्तित हो गया, उसे हिन्दी में तद्भव शब्द कहलाते हैं। जैसे – हस्त से हाथ , उज्वल से उजला
तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
---|---|
अन्ध | अँधेरा |
अश्रु | आँसू |
उच्च | ऊँचा |
एकत्र | इंकट्ठा |
अमूल्य | अमोल |
अन्न | अनाज |
किंचित | कुछ |
तिलक | टीका |
Hindi Grammar for Class 6
- देशज शब्द : ऐसे शब्द जो क्षेत्रीय प्रभाव के कारन परिस्तिति और आवश्यकतानुसार बनकर प्रचलित हो गए है, उसे देशज शब्द कहलाते है। जैसे – पगड़ी , थैला
- विदेशी शब्द : हिन्दी में अनेक शब्द ऐसे है जो विदेशी के संपर्क के कारन यहाँ प्रचलित हो गए है। जैसे – हॉस्पिटल = अस्पताल आदि।
2. रचना / बनावट–
रचना या बनावट के आधार पर शब्द तीन प्रकार के होते है।
- रूढ़ शब्द : वे शब्द जो किसी व्यक्ति, स्थान, प्राणी और वस्तु के लिए वर्षों से प्रयुक्त होने के कारण किसी विशिष्ट अर्थ में प्रचलित हो गए हैं, उसे रूढ़ शब्द कहते है। जैसे – दिन , घर , घोडा अदि।
- यौगिक शब्द : वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बने हैं, उसे यौगिक शब्द कहते है। जैसे – विद्यालय ( विद्या + आलय ), राजपुत्र ( राजा का पुत्र ) अदि।
- योगरूढ़ शब्द : वे शब्द जो यौगिक होते है, परन्तु जिनका अर्थ रूढ़ हो जाता है, उसे योगरूढ़ कहते है। जैसे – लम्बोदर, दशरथ अदि।
3. रुप / प्रयोग –
प्रयोग के आधार पर शब्दों के दो प्रकार होते है।
- विकारी शब्द : वे शब्द जिनमे लिंग , वचन और कारक के आधार पर मूल शब्द का रूपांतरण हो जाता है, उसे विकारी शब्द कहलाते है। जैसे – लड़की दौड़ रही है, लड़का पढ़ रहा है।
- अविकारी शब्द : : जिन शब्दों का प्रयोग मूल रूप में होता है और लिंग, वचन, और कारक के आधार पर उसमे कोई परिवर्तन नहीं होता उसे अविकारी शब्द कहते है। जैसे – और, आज अदि।
4. अर्थ –
अर्थ के आधार पर शब्दों के निम्न भेद किए जाते हैं।
- एकार्थी शब्द :- जिन शब्दों का सिर्फ एक ही अर्थ होता है।
- अनेकार्थी शब्द :- जिन शब्दों के अनेक अर्थ होते है।
- समानार्थी शब्द :- हिन्दी भाषा में अनेक शब्द ऐसे होते है जो सामान अर्थ देते है।
- विपिरार्थी शब्द :- जो शब्द विपरीत अर्थ का बोध कराते है।
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संज्ञा (Sangya in Hindi) Nouns in Hindi
Hindi Grammar for Class 6
संज्ञा की परिभाषा- (sangya definition in Hindi) किसी प्राणी, वस्तु, स्थान भाव, अवस्था, गुण या दशा के नाम को संज्ञा Sangya कहते हैं। किसी का नाम ही संज्ञा है, तथा इस नाम से ही उसे पहचाना जाता है। भाषा का प्रयोग भी बिना संज्ञा के संभव नहीं है। जैसे – पुस्तक, गोवा, बचपन, आदि।
संज्ञा के पांच भेद है (Types of Sangya) (sangya ke bhed in Hindi)
- जातिवाचक संज्ञा
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
जातिवाचक संज्ञा (Jati Vachak Sangya in Hindi)
जिन संज्ञा शब्दों से किसी एक ही प्रकार की अनेक वस्तुओ का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे – “पहाड़” कहने से संसार के सभी पहाडों का जातिगत बोध होता है।
व्यक्तिवाचक संज्ञा (Vyakti Vachak Sangya in Hindi)
जिन संज्ञा शब्दों से किसी एक ही व्यक्ति, वास्तु, या स्थान आदि का बोध होता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे – फलो के नाम संतरा, केला इत्यादि। ग्रंथो के नाम रामायण, बाइबिल इत्यादि। व्यक्तिओ के नाम रमेश, नेहा इत्यादि।
भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya in Hindi)
जिन संज्ञा शब्दों से किसी वस्तु के दशा, गुण, या व्यापर का बोध होता है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते है। जैसे – भाव के अर्थ में शत्रुता, मित्रता इत्यादि।
समूहवाचक संज्ञा (Samuh Vachak Sangya in Hindi)
जिन संज्ञा शब्दों से एक ही जाति की वस्तुओ के समूह का बोध होता है, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है। जैसे – व्यतियों के समूह – सेना , संघ , दाल इत्यादि
द्रव्यवाचक संज्ञा (Dravya Vachak Sangya in Hindi)
जिस संज्ञा शब्द से उस सामग्री या पदार्थ का बोध होता है जिस से कोई वस्तु बनी है। उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है। जैसे – पदार्थ के नाम – दूध, दही धातुओ के नाम – सोना , चाँदी
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लिंग Gender (ling in Hindi)
लिंग शब्द संस्कृत भाषा का है, जिसका अर्थ है – चिह्न। व्याकरण के अन्तर्गत लिंग उसे कहते हैं, जिसके द्वारा किसी विकारी शब्द के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता है।
Hindi Grammar for Class 6
हिच्दी भाषा में लिंग दो प्रकार के होते हैं।
- पुल्लिंग (Pulling Shabd)
- स्त्रीलिंग (Striling Shabd)
पुल्लिंग (Pulling Shabd) – जिन संज्ञा शब्दों से पुरूष जाति का बोध होता है, उसे पुलिंग Pulling Shabd कहते है। जैसे- सजीव= पिता , बकरा , लड़का इत्यादि। निर्जीव= फूल , चश्मा इत्यादि।
स्त्रीलिंग (Striling Shabd) – जिस संज्ञा शब्द से स्त्री जाति का बोध होता है, उसे स्त्रीलिंग Striling Shabd कहते है। जैसे- सजीव= लड़की, रानी इत्यादि। निर्जीव= कुर्सी इत्यादि।
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम (list of stirling and pulling in Hindi)
- ” ता ” ” नी ” ” अनी ” और ” त्रि ” का उपयोग करके
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
अभिनेता | अभिनेत्री |
चोर | चोरनी |
नौकर | नौकरानी |
विधाता | विधात्री |
भव | भवानी |
शेर | शेरनी |
- “अ” “आ” ” ई ” और ” आइन ” का उपयोग करके
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
पहाड़ | पहाड़ी |
हलवाई | हलवाईं |
कमल | कमला |
देव | देवी |
शिष्य | शिष्या |
- ‘इन’ का उपयोग करके
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
पडोसी | पड़ोसिन |
सुनार | सुनारिन |
नाई | नाइन |
- ‘इका‘ का उपयोग करके
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
लेखक | लेखिका |
पाठक | पाठिका |
बालक | बालिका |
अध्यापक | अध्यापिका |
- भिन्न रूप वाले स्त्रीलिंग शब्द
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
नपुसंग | बाँझ |
बिलाव | बिल्ली |
युवक | युवती |
पति | पत्नी |
- वान/मान से वती/मती का उपयोग
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
श्रीमान | श्रीमती |
सत्यवान | सत्यवती |
भगवन | भगवती |
पुत्रवान | पुत्रवती |
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वचन (Vachan in Hindi) Hindi Vachan Badlo
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से एकत्व अनेकतव्य का बोध होता है, उसे वचन Vachan कहते है।
वचन दो प्रकार के होते हैं। एकवचन बहुवचन
एकवचन Ekvachan in Hindi
शब्द के जिस रूप से किसी एक संख्या का बोध होता है उसे एकवचन Ekvachan कहते है। जैसे – लड़का , कपडा , मुर्गा आदि।
बहुवचन Bahuvachan in Hindi
शब्द के जिस रूप से किसी की एक से अधिक संख्या का बोध होता है उसे बहुवचन Bahuvachan कहते है। जैसे – कमरे , पुस्तके , कपडे आदि।
वचन बदलने के नियम (vachan badalna in hindi)
- अकारान्त शब्दों को ” ए ” और ” एँ ” प्रत्यय जोड़कर बहुवचन बनाना
एकवचन | बहुवचन | एकवचन | बहुवचन | |
गधा | गधे | पुस्तक | पुस्तकें | |
मुर्गा | मुर्गे | बालिका | बालिकाएँ | |
छोटा | छोटे | दीवार | दीवारें | |
कमरा | कमरे | बहन | बहनें |
- अंतिम स्वर के बाद ” एँ ” प्रत्यय जोड़कर
एकवचन | बहुवचन |
सूचना | सूचनाएँ |
दवा | दवाएँ |
कथा | कथाएँ |
कक्षा | कक्षाएँ |
कविता | कविताएँ |
- ईकारन्त शब्दों में बहुवचन सूचक प्रत्यय लगता है तब “अँI” के मध्य “य” व्यंजन का आगमन हो जाता है।
एकवचन | बहुवचन |
गली | गलियाँ |
लड़की | लड़कियाँ |
छुट्टी | छुट्टियाँ |
रोटी | रोटियाँ |
शक्ति | शक्तियाँ |
मछली | मछलियाँ |
Sandeep Maheshwari Motivational Quotes In Hindi
हिंदी व्याकरण कक्षा 6 के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions for Hindi Grammar for class 6)
कवी का स्त्रीलिंग शब्द क्या है – A कवित्री B कवियत्री C कवयित्री D कवियित्री
भाषा की सबसे छोटी इकाई कोन सी है – A शब्द B व्यंजन C स्वर D वर्ण
‘अगम’ शब्द है – A तत्सम B तदभव C देशज D विदेशी
स्वतंत्र सत्ता धारण न करने वाले शब्द क्या कहलाते है – A रूढ़ B यैIगिक C योगरूढ़ D इसमें से कोई नहीं
‘देश में जन्मा’ शब्द को कहते है – A विदेशी B आगत C देशज D इनमें से कोई नहीं
रचना के आधार पर शब्द कितने प्रकार के है – A दो B तीन C चार D पाँच
निम्मिलिखित में रूढ़ शब्द कोन सा है – A वाचनालय B समलत C विद्यालय D पशु
संज्ञा के कितने भेद है – A पाँच B दो C सात D चार
‘मिठास’ शब्द है – A व्यक्तिवाचक संज्ञा B समूहवाचक संज्ञा C जातिवाचक संज्ञा D भाववाचक संज्ञा
हिन्दी भाषा में लिंग के कितने भेद है – A चार B दो C एक D तीन
मगरमच्छ का स्त्रीलिंग क्या है – A मगरमच्छी B मगरमच्छवी C मादा मगरमच्छ D मगरमच्छनी
निचे दिए गए शब्दों में कोनसा पुल्लिंग नहीं है – A पानी B नदी C दही D हाथी
वर्षा शब्द का उचित बहुवचन चुनिए – A वर्षागण B वर्षा C वर्षाओं D वर्षाए
हिन्दी में वचन के कितने भेद है – A चार B एक C दो D तीन
हिन्दी में सम्पूर्ण कितने वर्ण है – A ४० B ४६ C ४८ D ३४
विदेशी भाषा से आए शब्दों को क्या कहते है – A देशज B आगत C यैगिक D देशी
जवाब नीचे है
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Answers for Multiple choice questions for class 6 grammar
1.C 2.D 3.C 4.B 5.C 6.B 7.D 8.A 9.D 10.B 11.C 12.B 13.B 14.C 15.B 16.B