Hindi Grammar of Varnamala including Varn Vichar, वर्ण के भेद Swar (स्वर) and Vyanjan (व्यंजन). Learn Hindi Vyakaran with Worksheets. Please read Hindi Grammar for Class 5, Class 6, Class 7, Class 8, Class 9, Class 10 for full Grammar Syllabus.
- Varn Ki Paribhasha – Varn Vichar in Hindi
- Varnamala Kise Kahate Hain वर्णमाला की परिभाषा
- Hindi Varnamala of Swar and Vyanjan in Hindi
- वर्ण के भेद Varna Ke Prakar
- स्वर (Vowel) Swar in Hindi Varnmala
- उच्चारण के आधार पर स्वर के भेद Swar ke bhed/prakar
- Hindi Varnamala of Swar
- 1. ह्रस्व स्वर Hasv Swar
- 2. दीर्घ स्वर Dirgh Swar
- 3. प्लुत स्वर Plut Swar
- व्यंजन (Vyanjan in Hindi) Consonants
- व्यंजनों का वर्गीकरण vyanjan ke bhed
- Hindi Varnamala of Vyanjan
- स्पर्श व्यंजन Sparsh Vyanjan
- अंतस्थ व्यंजन Antastha Vyanjan
- संघर्षी / ऊष्म व्यंजन Sangharshi / Ushma Vyanjan
- संयुक्त व्यंजन Sanyukt Vyanjan
- Hindi Varnamala Worksheets – Questions
Varn Ki Paribhasha – Varn Vichar in Hindi
‘वर्ण’ भाषा की सबसे छोटी इकाई है। वर्ण को अलग नहीं किया जा सकता। वर्ण वे है जो मनुष्य के मुख से निकलकर सार्थक शब्दों का निर्माण करते है। वर्ण को हम अक्षर भी कहते है। हर वर्ण की अपनी लिपि होती है। लिपि को वर्ण-संकेत भी कहते हैं। हिन्दी में 52 वर्ण हैं। जैसे- अ, ई, व, च, क, ख् आदि।
Hindi Varnamala of Swar and Vyanjan in Hindi
Varnamala Kise Kahate Hain वर्णमाला की परिभाषा
हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि ( वर्ण ) होती है। वर्ण के मौखिक रूप को ध्वनि कहा जाता है। वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। इसे हम ऐसे भी कह सकते है, किसी भाषा के समस्त वर्णो के समूह को वर्णमाला कहते है। प्रत्येक भाषा के अपने वर्णमाला (अक्षर) होते हैं। अंग्रेज़ी में जैसे-A, B, C, D, E, F, G…. हिंदी में जैसे- अ, आ, क, ख, ग….
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Hindi Varnamala of Swar and Vyanjan in Hindi
वर्ण के भेद Varna Ke Prakar
हिंदी भाषा में वर्ण के दो प्रकार होते है
- स्वर (Vowel)
- व्यंजन (Consonant)
स्वर (Vowel) Swar in Hindi Varnmala
Hindi Varnamala of Swar and Vyanjan in Hindi
जिन वर्णो का उच्चारण बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता से होता है उसे स्वर कहते है। स्वर को बोलते समय हवा मुख से सीधे बाहर आती है। इनको बोलने के लिए किसी दूसरी ध्वनि का सहयोग नहीं लेना पड़ता है। यानि स्वतंत्र रूप से बोलने जानेवाले वर्ण को स्वर कहते है। उच्चारण की दृष्टी में केवल १० स्वर ही स्वर है – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ। स्वर ‘ऋ’ और ‘अ:’ संस्कृत से अनुकूलित किए गए हैं।
अ | आ | इ | ई | उ | ऊ | ऋ | ए | ऐ | ओ | औ |
स्वर (swar) Vowels in Hindi
उच्चारण के आधार पर स्वर के भेद Swar ke bhed/prakar
- लघु/ह्रस्व स्वर
- दीर्घ स्वर
- प्लुत स्वर
Easy (कारक) karak in Hindi Grammar
Hindi Varnamala of Swar
1. ह्रस्व स्वर Hasv Swar
जिन स्वरों को बोलने में कम समय अर्थात एक मात्रा का समय लगता है उन्हें ह्रस्व स्वर कहते है। यानि जिन स्वरों के उच्चारण में कम से कम समय लगता है उन्हें ह्रस्व स्वर कहते है। इन्हे मूल स्वर भी कहते है। जैसे – अ, इ, उ, ऋ।
2. दीर्घ स्वर Dirgh Swar
जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों से दुगुना समय लगता है उन्हे दीर्घ स्वर कहते है। दीर्घ स्वर दो शब्दों के योग से बनते है और ये हिंदी भाषा में सात है – आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
3. प्लुत स्वर Plut Swar
स्वर जिसको उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय यानी तीन मात्राओं का समय लगता है उसे प्लुत स्वर कहते है। यानि जिस स्वर के उच्चारण में तिगुना समय लगता है, उसे ‘प्लुत’ कहते हैं। जैसे- सुनोऽऽ, राऽऽम। इसका चिह्न (ऽ) है और इसका प्रयोग अकसर पुकारते समय किया जाता है।
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व्यंजन (Vyanjan in Hindi) Consonants
Hindi Varnamala of Swar and Vyanjan in Hindi
व्यंजन वे वर्ण है जिनका उच्चारण करते समय हवा मुख में टकराकर बाहर आती है और व्यंजन को बोलते समय स्वर की सहायता लेनी पड़ती है। प्रत्येक व्यंजन के उच्चारण में अ स्वर लगा होता है। स्वर के बिना व्यंजन का उच्चारण नहीं हो सकता। जैसे- ख्+अ=ख, प्+अ =प। वर्णमाला में 33 व्यंजन होते हैं।
कवर्ग- | क | ख | ग | घ | ङ |
चवर्ग- | च | छ | ज | झ | ञ |
टवर्ग- | ट | ठ | ड | ढ | ण |
तवर्ग- | त | थ | द | ध | न |
पवर्ग- | प | फ | ब | भ | म |
यवर्ग- | य | र | ल | व | |
शवर्ग- | श | ष | स | ह |
व्यंजन (Vyanjan) Consonants in Hindi
व्यंजनों का वर्गीकरण vyanjan ke bhed
- स्पर्श व्यंजन
- अंतस्थ व्यंजन
- संघर्षी / ऊष्म व्यंजन
- संयुक्त व्यंजन
Hindi Varnamala of Vyanjan
स्पर्श व्यंजन Sparsh Vyanjan
जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय जीभ मुँह के किसी भाग जैसे- कण्ठ, तालु, मूर्धा, दाँत, अथवा होठ का स्पर्श करती है, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते है। स्पर्श व्यंजनों की कुल संख्या 25 है। इनको पाँच वर्गों में रखा गया है, तथा हर वर्ग में पाँच-पाँच व्यंजन हैं।
स्पर्श व्यंजनों का उच्चारण स्थान – क वर्ग (कण्ठ का स्पर्श) : क , ख , ग , घ , ङ च वर्ग (तालु का स्पर्श) : च , छ , ज , झ , ञ ट वर्ग (मूर्धा का स्पर्श) : ट , ठ , ड , ढ , ण त वर्ग (दाँतो का स्पर्श) : त , थ , द , ध , न प वर्ग (होठों का स्पर्श) : प , फ , ब , भ , म
अंतस्थ व्यंजन Antastha Vyanjan
अंतस्थ अर्थात बीच के व्यंजन। जिन वर्णों का उच्चारण पारंपरिक वर्णमाला (स्वरों व व्यंजनों) के बीच स्थित हो उसे अंतस्थ व्यंजन कहते हैं। जैसे य वर्ग – य, र, ल, व।
संघर्षी / ऊष्म व्यंजन Sangharshi / Ushma Vyanjan
इसे गरम वर्ण कहते है, ऊष्म अर्थात गरम। जिन वर्णो के उच्चारण के समय हवा मुँह के विभिन्न भागों से टकराये और गर्मी पैदा करें उसे ऊष्म/संघर्षी व्यंजन कहते हैं। जैसे श वर्ग- श, ष, स, ह।
Easy Hindi Grammar for Class 8
संयुक्त व्यंजन Sanyukt Vyanjan
एक अक्षर में स्वर से पहले या बाद में एक से अधिक, एक साथ उच्चारित व्यंजनों को संयुक्त व्यंजन कहते है। यानि दो या दो से अधिक व्यंजनों के मेल से बनने वाले व्यंजनो को संयुक्त व्यंजन कहते है। इन के उच्चारण के समय अक्षर सिमा नहीं होती है और स्वर का सहारा अनिवार्य नहीं है।
क्ष त्र ज्ञ श्र – ये संयुक्त व्यंजन हैं जो दो व्यंजनों के मिलने से बनते हैं। क् + ष + अ = क्ष — अक्षत, क्षत्रिय आदि। त् + र् + अ = त्र — त्राण, त्रिवेद आदि। ज् + ञ + अ = ज्ञ — ज्ञानी, यज्ञ आदि। श् + र् + अ = श्र — श्री, श्रुति, श्रेष्ठ आदि।
अंतस्थ व्यंजन – य, र, ल, वसंघर्षी/ऊष्म व्यंजन– श, स, ष, हसंयुक्त व्यंजन – क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
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Hindi Varnamala Worksheets – Questions
हिंदी में कितने वर्ण है? हिन्दी में 52 वर्ण हैं।
वर्ण के भेद कितने होते हैं? हिंदी भाषा में वर्ण के दो भेद होते है। – स्वर और व्यंजन
स्वर वर्ण किसे कहते है? जिसका उच्चारण बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता से होता है।
हिंदी भाषा में कितने व्यंजन है? हिंदी वर्णमाला में 33 व्यंजन होते हैं।
श, स, ष, ह कोनसा व्यंजन है? संघर्षी/ऊष्म व्यंजन