Real Indian Heart Touching Love Story in Hindi, प्रेम कथाएँ that will make you understand how people treats love in our Society. Read the Best Collection of Love Stories that is either a horrible disease or a blessings in peoples life.
Table of Contents
(1) कॉलेज का अधूरा प्यार Emotional Love Story In Hindi

स्वाति मुंबई में तीसरी साल के कॉमर्स कॉलेज में पढ़ती थी। वहा उसकी मुलाखत अनिकेत नाम के एक लड़के से हुई। स्वाति अनिकेत के प्यार में पूरी पागल हो गयी थी। हालाँकि वह बुद्धिमान थी, फिर भी अब वह कई विषयों में फेल होने लगी।
दूसरी तरफ अनिकेत के लिए यह सिर्फ एक अच्छी फ्रेंडशिप थी। वह स्वाति के प्यार को कभी महसूस नहीं कर सका। उसे हमेशा ऐसा लगता था की कभी न कभी उसकी जिंदगी में ऐसी लड़की आएगी जो उससे सच्चा प्यार करेगी।
जब वे कॉलेज में सुबह मिलते थे, उस समय पहले स्वाति अनिकेत के पास जाती थी और बातचीत करती थी। उसको अनिकेत से बाते करना बहुत अच्छा लगता था। पर वह कभी अनिकेत से अपनी मन की बात बता नहीं सकी, फिर भी स्वाति को लगता था की कभी न कभी अनिकेत को उसके प्यार का एहसास होगा।
अनिकेत रोज स्वाति को नजरअंदाज करता रहा, और एक दिन स्वाति ने अंत में फैसला किया की अब वह कभी भी अनिकेत से नहीं मिलेगी। दूसरी तरफ जब स्वाति ने अनिकेत से मिलना बंद कर दिया तो, अनिकेत भी कहीं न कहीं स्वाति को याद करने लगा था, पर उसने स्वाति को कभी नहीं कहा।
दिन बीतते गए और एक दिन उन दोनों के, कॉलेज के एक दोस्त ने अपने घर बर्थडे पार्टी रखी। पार्टी में स्वाति और अनिकेत दोनों को आमंत्रित किया गया था। पार्टी में अनिकेत स्वाति से बात करना चाहता था, लेकिन वह उससे बात करने के लिए आत्मविश्वास हासिल नहीं कर पा रहा था।
Love Story Hindi Mein
पार्टी के बाद स्वाति को जल्दी घर जाना था, इसलिए वह सबको अलविदा करते हुऐ अपने घर चली गयी। स्वाति के घर जाने के बाद, अनिकेत के खास दोस्ती ने उसे कहा की, “जिस सच्चा प्यार को तू ढूंढ रहा है, वो कोई और नहीं बल्कि स्वाति ही है। सब कॉलेज जनता है की वह तुजसे बहुत प्यार करती है।”
अनिकेत को भी अपनी गलती कहीं न कही महसूस होने लगी, और उसके दोस्त उसे जितने बताते गए उतना ही उसे स्वाति से बात करने का आत्मविश्वास आ गया। अनिकेत ने निर्णय लिया की वह अभी के अभी स्वाति के घर जाकर, उसे सॉरी कह कर मना लेगा।
स्वाति के घर जाते समय रास्ते में उसने एक बुरा एक्सीडेंट देखा। वह स्वाति को बेहोश, रस्ते पर पड़ा देखकर हैरान रह गया। दुर्घटना में स्वाति बुरी तरह घायल हो गई थी। उसने तुरंत स्वाति को अनपे कार में बैठा दिया और हस्पताल ले गया।
जब वे अस्पताल पहुँचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्वाति की मृत की बात सुनकर अनिकेत पागल सा हो गया, उसकी कुछ समज में नहीं आ रहा था पर अब बहुत देर हो गयी थी।
(2) सच्ची आशिकी True Love Story In Hindi

मेरा नाम है शुभम और मैं अपना डिप्लोमा इन मैकेनिकल पूरा कर रहा था। मेरी कॉलेज घर से लगभग ३० मिनट की दुरी पर थी। मैं हमेशा पब्लिक बस से कॉलेज जाता था। मेरी कॉलेज के पास बहुत सारी कॉलेजेस थे इसलिए हमारी पब्लिक बस हमेशा छात्रों से ही भर्ती थी।
एक दिन सुबह के ८ बजे मैं बस स्टॉप पर कॉलेज जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था। मैं हमेशा ९ बजे कॉलेज जाता था, मेरी क्लास उस दिन एक घंटे पहले थी, इसलिए मुझे जल्दी जाना था।
मैं जिस बस मे चढ़ा, उस बस में मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी जिसे देखते ही उस भोली सूरत से प्यार हो गया। पता नहीं, उसमें ऐसा क्या जादू था कि मैं पूरे रास्ते उसे ही देखता गया।
आखिरकार मेरा स्टॉप आ गया और मैं बस से नीचे उतर गया। मैं वास्तव में उम्मीद कर रहा था कि, वह लड़की नीचे उतर जाएगी और उसने ऐसा किया। मैंने उसका पीछा करने का सोचा पर उस दिन मेरे पास वक्त नहीं था, इसलिए मैं सीधे क्लास में गया।
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अगले दिन मेरी सुबह 9 बजे क्लास थी, लेकिन मैं उस लड़की को देखने के लिए एक घंटे पहले ही तैयार हो गया। मैं उसे बस स्टॉप पर इंतजार कर रहा था, और 5 मिनट के बाद वह अपनी एक दोस्त के साथ आई। आख़िरी बस स्टॉप पर वह और उसकी वह दोस्त उतर गईं।
आज मरे पास बहुत वक्त था उसका पीछा करने के लिए। अंत में उसने कॉमर्स कॉलेज में प्रवेश कर लिया और मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि उसका कॉलेज मेरे बगल में ही था।
कुछ दिनों तक मैं उसका पीछा करता रहा। उसे मालूम था कि मैं उसका पीछा करता हूं, लेकिन मैं उसके पास जाने और उससे बात करने के लिए आत्मविश्वास हासिल नहीं कर सका। लगभग १ साल तक मैंने सिर्फ़ उसे देखा, ना उससे बोलने की हिम्मत हुई ना उसे रोकने की।
एक दिन जब वह बस का इंतजार कर रही थी, मैंने किसी तरह आत्मविश्वास हासिल किया और उसके पास गया और कहा कि मैं उससे बहुत प्यार करता हूं। उसने बड़ी ही आसानी से कहा, ” सॉरी”। मैंने फिर हिम्मत की और अगले दिन उसे रोका। लेकिन और कुछ बोलूं, उससे पहले ही रो पड़ा।
उसने मुझे बस स्टॉप पर सबके सामने गले से लगा लिया। मैं बहुत खुश था लेकिन मैं अपने आँसुओं को नियंत्रित नहीं कर सका। उस दिन हमने अपना फोन नंबर एक्सचेंज किया और रोज मिलने लगे।
(3) शहर का सैराट Hindi Movie Love Story
निहारिका और संजय शहर की एक बैंक में काम करते थे। यहीं से उन दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। उन दोनों की जाति अलग थी, फिर भी उनके माता-पिता उनकी दोस्ती से खुश थे, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि निहारिका और संजय शादी करना चाहते हैं। वे केवल उनके दोस्ती से खुश थे और वे इससे ज्यादा नहीं चाहते थे।
एक दिन निहारिका के पापा ने उसे रिश्ते की बात पूछी। तब उसने कहा कि पापा मुझे संजय पसंद है। लेकिन निहारिका के घरवालों ने कहा कि वह हमारी जाती का नहीं है,और हम तेरी शादी उससे नहीं कर सकते।
उसके मम्मी ने कहा की संजय को भूल जा उससे तेरी शादी किसी भी कीमत पर नहीं हो सकती। लेकिन निहारिका के लिए इन ३ सालों के प्यार को भूल पाना मुश्किल ही नहीं नामुनकिन था।
प्रेम कथाएँ
उधर संजय ने भी अपने माता-पिता से बात की, लेकिन उनकी जाती अलग होने के कारन वो भी इस रिश्ते को स्वीकार करने से मना करने लगे। बहुत सोचने के बाद दोनों के कोर्ट मैरेज करने का फैसला किया। उन्हें लगता था की वक्त गुजरने के बाद दोनों के माता-पिता उन्हें स्वीकार कर लेंगेे।
लगभग १० महीने तक अपने माता-पिता को समझाने के बाद उन्होंने शादी करने का फैसला किया। लेकिन उनके माता-पिता अपने फैसले पर अडिग थे।
शादी के बाद जब निहारिका अपने ससुराल गई तो उन्होंने भी दोनों को अपनाने से साफ इनकार कर दिया। तब संजय के एक दोस्त ने उन्हें अपने घर मे हमें जगह दी। लेकिन किसी और के घर में ज्यादा दिन तक रहना मुमकिन नहीं था।
तब दोनों ने दूसरे शहर जाकर एक छोटासा कमरा किराए पर ले लिया और नौकरी ढूंढनी शुरु की। शुरुआती दिन उन दोनों ने बहुत मुश्किल में गुज़ारे। कई बार तो खाने के लिए पैसे भी नहीं होते थे। पर दोनों ने कभी एक-दूसरे से कोई शिकायत नहीं की। वो सब को यह दिखाना चाहते थे कि उनका प्यार सच्चा है।
दो साल बाद निहारिका और संजय ने एक अपना बड़ा सा घर ले लिया और उनकी एक छोटीसी बेटी भी है, और वे तीनो खुशी से रहते है।
(4) दुखभरी प्रेम कहानी

Short Love Story In Hindi
अमोल और करिश्मा एक ही गांव में रहते थे। वे एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। इसलिए कि उनकी जाति अलग-अलग थी, वे एक-दूसरे से शादी नहीं कर सके। वे दोनों शादी करने के लिए गाँव छोड़ने की सोची, लेकिन उन दोनों को अपने परिवार को नाराज कर के शादी नहीं करनी थी।
एक दिन दोनों ने आखिरी बार मिलने का फैसला किया, और दोनों ने एक दूसरे से वादा किया की अब जिंदगी में दोबारा कभी नहीं मिलेंगे। यह उनके जीवन का एक बड़ा निर्णय था। दोनों अपने आँसू नहीं रोक सके। दोनों ने एक दूसरे के गले मिले और अपने-अपने रस्ते चल गए।
करिश्मा के जाने के बाद अमोल बहुत उदास रहने लगा। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते चले गए वैसे ही अमोल खुश रहता गया।
अमोल ने शहर जाने का फैसला किया। वह अब पूरी तरीके से बदल गया था। शहर में उसे एक अच्छी सॉफ्टवेर कंपनी में काम भी मिला।
दिवाली की छुट्टीओं अमोल अपने गांव में गया। वहा अपने सभी दोस्तों को मिलकर दूसरे दिन अपने घर पार्टी के लिए बुलाया। उसके दोस्तों को लगा की अमोल बहुत दिनों से गांव में आया है इसलिए सबको पार्टी दे रहा है।
अगले दिन शाम को अमोल के करीबी दोस्त पार्टी में आये। सब ने पार्टी में बहुत मजे किये। ड्रिंक्स, खाना और म्यूजिक वाली इस पार्टी में सबको मजा आया। पार्टी के बाद अमोल के भाई ने उसे पार्टी रखने की वजा पूछी, तो अमोल कुछ न बोलकर हस्ते हुऐ अपने कमरे में चला गया।
कमरे के अंदर जाने के बाद अमोल ने अपना मोबाइल खोला और करिश्मा की तस्वीर देखते हुऐ बोला “हैप्पी बड़े करिश्मा, आई लव यू एंड आई मिस यू।”
(5) Jealous Best Friend Stories in Hindi
अस्लेशा १२ वीं कक्षा में पढ़ती थी। उसके बहुत कम दोस्त थे और वह पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। उसकी एक सबसे अच्छी दोस्त थी, जिसका नाम था प्रवीणा। जिसे वह पिछले ५ सालों से जानती थी। वह अस्लेशा के ही कॉलेज में पढ़ती थी।
एक दिन अस्लेशा को दूसरे कक्षा का एक लड़का हरीश ने मुझे प्रोपोज़ कर दिया। अस्लेशा उसे मना नहीं कर सकी क्यों की उसको कोई लड़की मना कर ही नही सकती। वह स्मार्ट और गुड लुकिंग था।
हरीश और अस्लेशा फेसबुक और फ़ोन पर खूब सारी बातें किया करते थे। वो अस्लेशा से बहुत प्यार करता था। अस्लेशा की दोस्त प्रवीणा भी हरीश को पसन्द करती थी, लेकिन अस्लेशा को ये बात उस समय पता नही थी। प्रवीणा बस यही प्लान बनाती रहती थी कि वो कैसे अस्लेशा और हरीश की रिलेशनशिप को तुड़वाये।
एक दिन प्रवीणा अस्लेशा के पास गयी और बोली कि उसने हरीश को किसी दूसरी लड़की के साथ देखा था। लेकिन यह सब उसकी चाल थी अस्लेशा और हरीश के रिलेशनशिप को खत्म करने की। जब उसने अस्लेशा से कहा कि उसने हरीश को किसी दूसरी लड़की के साथ देखा है, तो अस्लेशा को बहुत दुःख हुआ।
Champak Stories
अस्लेशा ने उसकी बात को सच मान लिया क्योंकि वो उसकी सबसे करीबी दोस्त थी। अस्लेशा ने तभी से सोच लिया कि अब हरीश से कोई रिलेशनशिप नही रखेगी और उसने घर जाते ही हरीश को कॉल करके सब-कुछ खत्म कर लिया। अस्लेशा ने हरीश की कोई बात नही सुनी, क्योंकि उसे अपने दोस्त प्रवीणा पर बहुत भरोसा था।
अस्लेशा ने अपना फ़ोन नंबर बदल लिया और अपना फेसबुक भी डीएक्टिवेट किया। हरीश तो अस्लेशा से बात करने की बहुत कोशिश करता था क्योंकि वो गलत नही था, वो उसे बहुत प्यार करता था। लेकिन अस्लेशा उस पर बहुत गुस्सा थी और उसे अनदेखा करने लगी। अस्लेशा पढ़ाई में बहुत अच्छी थी इसलिए उसने अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया।
१२ कक्षा ख़तम होने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए अस्लेशा दूसरे शहर चली गयी। वहाँ वह अपने नए दोस्तों के साथ बहुत खुश थी। वहा उसने फिर से अपना फेसबुक अकाउंट एक्टिवटे करने का फैसला किया। उस समय वह अपनी दोस्त की तस्वीरें देखकर हैरान रह गयी। प्रवीना और हरीश एक दूसरे को डेट करने लगे थे।
उनकी बहुत सारी तस्वीरें एकसाथ देखकर अस्लेशा रोने लगी। तब जाकर उसे पता चला कि हरीश धोकेबाज़ नही था, धोकेबाज़ तो उसकी दोस्त प्रवीणा थी, जिस पर उसे बहुत सारा भरोसा था।
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yr mujhe to aapni ex yad aa gyi really nice